"Sholay: वो फिल्म जो सिर्फ फिल्म नहीं, एक इमोशन है!"
"कितने आदमी थे?"
Llइस डायलॉग को सुनते ही जिस फिल्म की याद आती है, वो है — शोले।
1975 में रिलीज़ हुई ये फिल्म भारतीय सिनेमा का ऐसा मील का पत्थर है, जिसे आज भी लोग उसी दीवानगी से देखते हैं।
चलिए जानते हैं कुछ मज़ेदार और चौंकाने वाले facts जो शायद आपने नहीं सुने होंगे:
1. शोले का पहला रिव्यू था - फ्लॉप!
जी हाँ, सुनने में अजीब लगता है लेकिन सच्चाई ये है कि जब शोले रिलीज़ हुई, तो शुरुआती दिनों में इसे flop कहा गया था। कई थिएटर्स में टिकट नहीं बिक रहे थे। लेकिन कुछ ही हफ्तों में लोगों का प्यार और मुंहज़ुबानी प्रचार ने इसे ब्लॉकबस्टर बना दिया।
2. फिल्म का पहला क्लाइमैक्स अलग था!
असल में, फिल्म के पहले version में ठाकुर खुद गब्बर को मार देता है। लेकिन उस समय की सेंसर बोर्ड ने कहा कि कानून को हाथ में लेना गलत संदेश देगा, इसलिए ending बदल दी गई और पुलिस को लाया गया।
3. गब्बर सिंह का किरदार असल जिंदगी के डाकू से प्रेरित था
गब्बर सिंह का किरदार एक असली डाकू "गब्बर सिंह गुर्जर" से लिया गया था, जो मध्यप्रदेश में खौफ का दूसरा नाम था।
4. "Yeh dosti..." गाने को शूट करने में लगे थे 21 दिन!
जी हाँ, वो गाना जिसमें जय और वीरू बाइक पर घूमते हैं, उसे फिल्माने में लगभग तीन हफ्ते लग गए थे। हर शॉट को परफेक्ट बनाने के लिए Ramesh Sippy ने कई बार रीटेक्स लिए।
5. अमजद खान को पहले रिजेक्ट किया गया था!
गब्बर सिंह का रोल निभाने वाले अमजद खान को शुरुआत में उनकी आवाज़ की वजह से रिजेक्ट कर दिया गया था। लेकिन बाद में वही आवाज़ इतिहास बन गई।
6. शोले बनी थी 70mm और स्टिरियो साउंड में – भारत में पहली बार!
उस दौर में जब अधिकतर फिल्में Mono audio और standard format में बनती थीं, शोले को सिनेमास्कोप (70mm) और स्टीरियो साउंड में रिलीज़ किया गया। ये उस समय एक बड़ी बात थी!
निष्कर्ष:
"शोले" सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा की आत्मा है।
इस फिल्म के किरदार, डायलॉग्स और म्यूज़िक ने जो छाप छोड़ी है, वो आज भी लोगों के दिलों में ज़िंदा है।
और सबसे बड़ी बात — ये फिल्म हर जनरेशन को अपना दीवाना बना देती है।
"अभी भी जब कोई पूछता है – 'कितने आदमी थे?' तो जवाब सिर्फ एक होता है – ‘शोले देखने वाले आज भी करोड़ों हैं!’
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